दिल्ली में आकर्षक और ऐतिहासिक (Historical Places in Delhi) स्थलों के समृद्ध धरोहर, संस्कृति, और ऐतिहासिक महत्व के कारण विश्वभर में मशहूर है। यह भारत की राजधानी होने के साथ-साथ एक प्रमुख फिनांसियल, सांस्कृतिक, और व्यापारिक हब भी है। इस लिहाज से, दिल्ली पर्यटन अनेक रंगमंच और मनोरंजन के साथ भरा हुआ है।

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Historical Places in Delhi – संछिप्त इतिहास
दिल्ली पर्यटन-दिल्ली एक ऐतिहासिक शहर है जो भारत के उत्तरी भाग में स्थित है। इसका इतिहास बहुत प्राचीन है और यह कई सैकड़ों वर्षों से भारतीय सभ्यता के केंद्र रहा है। दिल्ली का नाम वेदिक समय में इंद्रप्रस्थ के रूप में प्रसिद्ध था, जो महाभारत काल में पांडवों के राज्य की राजधानी थी। इसके बाद दिल्ली को अलक्षित नगर और दिल्ली नगरी भी कहा गया। दिल्ली का असली स्थापना दिल्ली सल्तनत के शासक प्रिथ्वीराज चौहान ने 1171 ईसा पूर्व में की थी। 1565 ईसा पूर्व में मुगल शासक अकबर ने दिल्ली को अपनी राजधानी बनाया और यहां से मुगल साम्राज्य का शासन चला।
मुगल सम्राट शाहजहाँ ने ताजमहल जैसे प्रसिद्ध भव्य स्मारकों का निर्माण किया और दिल्ली को सुंदरता की दृष्टि से विख्यात किया। 1857 में दिल्ली को ब्रिटिश शासनकाल के तहत शासन किया गया और यह ब्रिटिश भारत की राजधानी बन गया। 1947 में भारत की आजादी के बाद, दिल्ली को भारत की राजधानी घोषित किया गया और यहां पर संसद, राष्ट्रपति भवन, और राजभवन जैसे राष्ट्रीय संस्थानों का स्थान है। दिल्ली भारत के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर का एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा है और यहां पर अनेक ऐतिहासिक स्थल, स्मारक, और मंदिर हैं जो पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
Historical Places in Delhi – शौकीन खाने का मजा
दिल्ली के खाने की खासियत भारतीय और मुगलाई रसोई के स्वाद से भरी हुई है। पराँठे, छोले भटूरे, दिल्ली की चाट, तंदूरी तिक्के, और मुगलाई मिठाई दिल्ली में खाने वाले पर्यटकों का मन मोह लेते हैं।
Historical Places in Delhi – प्रमुख आकर्षण
Places to Visit in Delhi – दिल्ली में पर्यटकों को आकर्षित करने वाले प्रमुख स्थलों में कई ऐतिहासिक स्मारक, मंदिर, मस्जिदें, गार्डन, और बाजार शामिल हैं। राष्ट्रीय संधि स्मारक, कुतुब मिनार, हमायूं का मकबरा, इंडिया गेट, राज घाट, लाल क़िला, जंतर मंतर, लूटियंस मज़ार, भारतीय राष्ट्रीय संसद, राष्ट्रपति भवन और जमा मस्जिद जैसे स्थान दिल्ली के पर्यटन के अधिक बहुमुखी हैं।
राष्ट्रीय संधि स्मारक-
राष्ट्रीय संधि स्मारक भारत के राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में स्थित एक महत्वपूर्ण स्मारक है। यह स्मारक भारत और पाकिस्तान के बीच हुए 1971 के भारत-पाक युद्ध के नतीजे में हुई शिमला समझौते को याद करता है। राष्ट्रीय संधि स्मारक का निर्माण शिमला समझौते के उपलब्धि को समर्पित करने के लिए 1972 में शुरू हुआ था।

राष्ट्रीय संधि स्मारक भारतीय इतिहास के एक महत्वपूर्ण पन्ने को सजाता है, जो देश की एकता और शांति के प्रतीक है। यह स्मारक भारत के वीरता और साहस को समर्पित है जो शांति के लिए अपने जीवन को न्यौछावर करने के लिए तैयार थे। इसे देशवासियों के भगवान भरत के आधारभूत मूल्यों का प्रतीक माना जाता है।
कुतुब मिनार-
कुतुब मिनार दिल्ली में स्थित एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्मारक है। यह भारत के मुगलकालीन शासक कुतुबुद्दीन ऐबक के समय में बनाया गया था और इसका नाम उनके नाम पर रखा गया। कुतुब मिनार देश के सबसे ऊँचे बिल्कुल गहरे रेतीले मिट्टी के उपर बना है। यह दिल्ली के सर्कुलर रोड के पास स्थित है और इसे विश्वकोषीय सम्पदा के रूप में यूनेस्को द्वारा स्वीकृति भी मिली है। कुतुब मिनार की ऊँचाई लगभग 72 मीटर है और इसमें 375 सीज़न वेर्क हुआ है, जो मुगल शैली में नक्काशी से भरा हुआ है।

यह स्मारक भारतीय संस्कृति और वास्तुकला के उत्कृष्ट उदाहरणों में से एक है। इसमें कार्बला स्तम्भ और यूनिक स्तम्भ जैसे कई संरचनाएं हैं जो इसे विशेष बनाती हैं। कुतुब मिनार के चार मंजिले शिखर पर फूंकने वाली ढाई सुल्तानी घंटी पहले इसे एक मस्जिद के रूप में उपयोग किया जाता था। हालांकि, आजकल इसे पर्यटकों को इसके शानदार ऐतिहासिक और वास्तुकला के लिए देखने का एक प्रमुख स्थान माना जाता है।
हमायूं का मकबरा-
हुमायूँ का मकबरा दिल्ली में स्थित एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्मारक है। यह भारतीय संस्कृति के उत्कृष्ट वास्तुकला का एक शानदार उदाहरण है और इसे दिल्ली के सर्कुलर रोड के पास निजामुद्दीन क्षेत्र में स्थान पाता है। यह स्मारक मुगल शासक हुमायूँ के याद में बनाया गया था, जो इसके नाम पर रखा गया। हुमायूँ का मकबरा का निर्माण उनकी पत्नी हमीदा बानो ने कराया था। इस मकबरे का आकार विशाल है और इसकी वास्तुकला में परस्पर विरासत के विभिन्न शैलियों का मिश्रण देखा जा सकता है। इसमें चारचरी घुमावदार चतुर्भुज संरचना, बागीचे, और नक्काशी से भरी दीवारें हैं।

इसमें चारचरी घुमावदार चतुर्भुज संरचना, बागीचे, और नक्काशी से भरी दीवारें हैं। इस मकबरे के अंदर हुमायूँ के संगठन से जुड़े कई स्मारक और नीचे स्थित मकबरे हैं, जिनमें उनके परिवार के सदस्यों का भी स्मृतिस्तंभ स्थान है। हुमायूँ का मकबरा दिल्ली के पर्यटन स्थलों में से एक है और इसे विश्वकोषीय सम्पदा के रूप में यूनेस्को द्वारा स्वीकृति भी मिली है। इसकी सुंदरता, वास्तुकला, और ऐतिहासिक महत्व ने इसे देश और विदेशी पर्यटकों के लिए खास बना दिया है।
इंडिया गेट-
इंडिया गेट भारतीय संस्कृति और स्वतंत्रता संग्राम के एक महत्वपूर्ण प्रतीक के रूप में माना जाता है। इंडिया गेट का निर्माण ब्रिटिश शासकीयकाल में 1921 में हुआ था। यह स्मारक भारतीय सैन्य बलों के बलिदान को याद करने के लिए बनाया गया था। इंडिया गेट एक विशाल त्रिकोणीय वृत्तचिह्न जैसा बना है जो वायुमार्ग पर स्थित है। इसमें राजपथ नामक राष्ट्रीय मार्ग पारित होता है और इसे भारत के स्वतंत्रता संग्राम के महान वीरों के याद में समर्पित किया गया है।

इंडिया गेट के शीर्ष पर राष्ट्रीय चिन्ह दिखाई देता है, जिसमें सिक्के के दो पाँच-पैसे के एकता से एक गज की ऊँचाई पर अशोक स्तंभ है। इंडिया गेट दिल्ली के पर्यटन स्थलों में से एक है और इसे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों के लिए खासतौर से आकर्षक बनाया गया है। यह स्मारक देश की गरिमा, स्वतंत्रता के भाव, और राष्ट्रीय एकता के प्रतीक के रूप में महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
राज घाट-
राज घाट भारत के राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में स्थित एक प्रसिद्ध स्मारक है। यह भारतीय संस्कृति, धार्मिकता, और स्वतंत्रता संग्राम के एक महत्वपूर्ण प्रतीक के रूप में माना जाता है। राज घाट भारतीय संस्कृति और धर्म के प्रतीक स्थलों में से एक है, और इसे हिंदू धर्म में विशेष महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है। राज घाट भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भी महत्वपूर्ण रहा है, और इसे राष्ट्रीय स्वतंत्रता सेनानियों के शौर्य को याद करने के लिए समर्पित किया गया है। राज घाट दिल्ली के पर्यटन स्थलों में से एक है और इसे देश और विदेशी पर्यटकों के लिए खासतौर से आकर्षक बनाया गया है।

दिल्ली पहुंचने के लिए रास्ते
वायुयान: दिल्ली के लिए सबसे आसान और तेजी से पहुंचने का तरीका है वायुयान। दिल्ली में इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है, जो विभिन्न नागरिक और अंतर्राष्ट्रीय शहरों से नियमित उड़ानें चलाता है।
रेलगाड़ी: दिल्ली रेलगाड़ी से भी आसानी से पहुंचा जा सकता है। दिल्ली के हाउज खास, नई दिल्ली, और ओल्ड दिल्ली स्टेशन से नेशनल और इंटरसिटी ट्रेनें रोज़ाना चलती हैं।
बस: दिल्ली तक बस से भी पहुंचा जा सकता है। दिल्ली में आने वाली राज्य सरकारी और प्राइवेट बसें हैं जो उन्हें अलग-अलग नगरों से ले जाती हैं।
कार/टैक्सी: अगर आप खुद की कार या टैक्सी से दिल्ली आना चाहते हैं तो आप इंटरस्टेट राष्ट्रीय मार्ग का प्रयोग कर सकते हैं।
यहां पर उपरोक्त विकल्पों के अनुसार आप अपनी सुविधा और बजट के हिसाब से दिल्ली पहुंच सकते हैं।
Historical Places in Delhi : घुमने के लिए रास्ते
मेट्रो- दिल्ली के भीतर घूमने के लिए मेट्रो भी बहुत अच्छा विकल्प है। दिल्ली में मेट्रो रेल सर्विस उपलब्ध है, जो शहर के मुख्य स्थानों को जोड़ती है।
प्रीपेड ऑटो- दिल्ली में हर मेट्रो स्टेशन और रेलवे स्टेशन में प्री पेड ऑटो बूथ की सुविधा उपलब्ध हैं।
किराए की कार/बाइक- दिल्ली में किराये की कार और बाइक बहुत आसानी से उपलब्ध हो जाती है।
दिल्ली में आकर्षक और ऐतिहासिक स्थलों से संबंधित आम प्रश्न (FAQ)
1)- दिल्ली पर्यटन का सबसे अच्छा समय ( time to visit ) क्या है पर्यटन के लिए?
दिल्ली का सबसे अच्छा समय पर्यटन के लिए अक्टूबर से मार्च तक होता है। यहां का मौसम शीतोष्ण और सूखा होता है, जिससे पर्यटकों को घूमने में आसानी होती है।
2)- दिल्ली में शॉपिंग के लिए कहां जाएँ?
दिल्ली में शॉपिंग के लिए कौतुब कोलोनी, कनौजी नगर, दिल्ली हाट, चाँदनी चौक, करोल बाग़, सरोजनी नगर और लज़पत नगर जैसे विभिन्न शॉपिंग मार्केट्स हैं जहां आप स्थानीय और विदेशी उत्पादों को खरीद सकते हैं।
3)- दिल्ली में रहने ( to stay) के लिए कहां पर होटल मिलेगा?
दिल्ली में आपको विभिन्न बजट से लेकर लक्जरी होटल तक कई विकल्प मिलेंगे। दिल्ली हाट, कनौजी नगर, पहाड़गंज, नई दिल्ली और करोल बाग़ जैसे कई इलाकों में आपको अच्छे होटल मिलेंगे जिनमें आप आराम से ठहर सकते हैं।
4)- दिल्ली का मौसम कैसा रहता है?
दिल्ली का मौसम गर्मी के महीनों में बहुत गर्म और सूखा होता है, जबकि सर्दी के महीनों में ठंडी और धुंध होती है। बरसात के महीनों में मॉनसून के दौरान ठंडी और बारिशी हो सकती है। इसलिए पर्यटकों को अपने आने के समय के अनुसार उचित वस्त्र और आवश्यक वस्तुएं साथ ले जाना चाहिए।
5)- दिल्ली में सुरक्षित रहने के लिए क्या उपाय हैं?
दिल्ली में सुरक्षित रहने के लिए हमेशा अपनी सावधानी बरतें। रात को अकेले घूमने से बचें और अजनबी जगहों में जाने से पहले लोगों से सलाह लें। सामान्य चोरी और छल-कपट से बचने के लिए अपनी सामग्री को सुरक्षित रखें और पर्यटन के दौरान ध्यान दें।
6)- दिल्ली के पास का पर्यटक स्थल कौन सा है?
श्री कृष्ण जन्मभूमि, मथुरा, ताज महल आगरा