Gangotri Dham Tourism – उत्तराखंड के 4 धामो की यात्रा में यमुनोत्री के बाद मां गंगा के दर्शन किये जाते हैं। गंगोत्री ऋषिकेश से 300 किमी और उत्तरकाशी से 100 किमी दूर स्थित है। गंगोत्री मंदिर है इसका मुख्य आकर्षण, जो मां गंगा को समर्पित है। यह मंदिर हर साल मई से नवंबर तक 6 महीने खुला रहता है। अक्षय तृतीया के दिन, मां गंगा की मूर्ति को मुखबास (मुखीमठ) से गंगोत्री मंदिर में स्थानांतरित किया जाता है। भाई दूज पर, मूर्ति को अगले 6 महीनों के लिए मुखीमठ में वापस कर दिया जाता है। सुबह 4 बजे से रात 9 बजे तक यह मंदिर खुला रहता है। सुबह 6 बजे और शाम 7:45 बजे आरती का समय है।
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Gangotri Dham Tourism :- संछिप्त इतिहास
गंगोत्री धाम पवित्र गंगा नदी का उद्गम स्थल है, गंगा नदी का मूल स्रोत गंगोत्री धाम से 19 किमी दूर गौमुख नामक स्थान है। गंगोत्री धाम चार धाम यात्रा यमुनोत्री, गंगोत्री धाम, केदारनाथ और बद्रीनाथ का हिस्सा है। गंगोत्री से ट्रैकिंग के माध्यम से यहां पहुंचा जा सकता है। गंगा नदी को भागीरथी के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि यह गौमुख से निकलती है। इसे गंगा नाम देवप्रयाग से मिला है, जहां यह अलकनंदा नदी से मिलती है। अपने धार्मिक महत्व के कारण, गंगोत्री में हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं। यह माना जाता है कि यह वह स्थान है जहां भगवान शिव ने अपनी जटाओं से मुक्त करने के बाद देवी गंगा का अवतरण हुआ था।
Gangotri Dham Tourism :- प्रमुख आकर्षण
गंगोत्री मंदिर – गंगोत्री मंदिर देवी गंगा को समर्पित है और देवता को समर्पित सबसे ऊंचा और सबसे महत्वपूर्ण मंदिर है। सुबह सूर्योदय के समय यह दृश्य मनमोहक होता है क्योंकि सूर्य हिमालय के पीछे से चमकता है और इस क्षेत्र में प्रकाश और जीवन फैलाता है। देवी गंगा से आशीर्वाद लेने के लिए हर साल हजारों भक्त इस में मंदिर में आते हैं। समुद्र तल से 3000 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर, हरी-भरी पहाड़ियों और किनारे से बहती मनोरम गंगा के बीच स्थित, यह मंदिर एक मनोरम दृश्य है। एक पौराणिक कथा के अनुसार यहीं पर गंगा नदी का उद्गम हुआ था।

Note :- All Image are taken From wikimedia commons.
गौमुख ग्लेशियर – गंगोत्री धाम में स्थित गौमुख ग्लेशियर (Ganges Glacier) हिमालय की एक महत्वपूर्ण ग्लेशियर है। यह गंगोत्री धाम से लगभग 19 किलोमीटर दूर स्थित है। गौमुख नाम का अर्थ होता है “गौ का मुख” और इसे गौमुख के आकार के कारण इस नाम से जाना जाता है। यह ग्लेशियर गंगा नदी का मूल स्रोत माना जाता है, जिसमें गंगा की धाराएं शुरू होती हैं। गौमुख ग्लेशियर को देखने के लिए यात्रियों को गंगोत्री से ट्रैकिंग करना पड़ता है। यह ट्रैक चौदह किलोमीटर लंबी है और यहां की प्राकृतिक सौंदर्य को देखना अनुभवयोग्य होता है। ग्लेशियर के आसपास बर्फ के पहाड़, हिमनद, और धार्मिक तालाब आपको मंत्रमुग्ध कर देते हैं।
धाराली – धाराली एक सुंदर गांव है जो उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित है। यह गांव गंगोत्री धाम के निकट बसा हुआ है और गंगोत्री धाम से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। धाराली अपने प्राकृतिक सौंदर्य और पर्वतीय वातावरण के लिए प्रसिद्ध है। यहां के खूबसूरत हिमनद और घने दराकनारे यात्रियों को आकर्षित करते हैं। धाराली एक ध्यान केंद्र भी है, जहां योग और ध्यान के शौकीन लोग आते हैं ताकि वे इस शांत और पवित्र स्थान पर ध्यान कर सकें। यहां के लोग भी अत्यंत सादगी और समृद्धि के साथ रहते हैं और पर्वतीय जीवन का आनंद उठाते हैं। धाराली एक ऐसी जगह है जहां प्रकृति और धरोहर का मिलन सभी को मोह लेता है।
केदार ताल – एक खूबसूरत झील है, जो गंगोत्री धाम के पास स्थित है। यह ताल एक प्रसिद्ध यात्रा स्थल है और इसे पहुंचने के लिए ट्रैकिंग करना पड़ता है। केदार ताल को आपसी गढ़ी और सुंदर पर्वतीय दृश्य के लिए जाना जाता है। यहां की शानदार प्राकृतिक सौंदर्य और ताजगी आपको मन मोह लेती है। ताल के चारों ओर हिमालयी पर्वतों की चोटियां हैं जो दृश्य को बनाती हैं अध्भुत और लुभावने रंगीन।

केदार ताल गंगोत्री धाम से लगभग 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां के धर्मिक महत्वपूर्ण स्थल और मां गंगा के मंदिर भी यात्रियों को आकर्षित करते हैं। केदार ताल जलधारा के साथ एक आकर्षक स्थल है जिसे यात्रियों के बीच खूब पसंद किया जाता है।
सूरज कुंड – सूरज कुंड गंगोत्री धाम के पास स्थित एक खूबसूरत झरना है। सूरज कुंड गंगोत्री धाम से ट्रैकिंग के माध्यम से पहुंचा जा सकता है।
Gangotri Dham Tourism :- गंगोत्री पहुंचने के लिए रास्ते
गंगोत्री पहुंचने के लिए आप निम्नलिखित तरीकों का इस्तेमाल कर सकते हैं
रेलवे – गंगोत्री आने के लिए सबसे निकटवर्ती रेलवे स्टेशन हरिद्वार है। हरिद्वार स्टेशन से गंगोत्री की दूरी लगभग 290 किलोमीटर है।
वाई मार्ग – निकटवर्ती एयरपोर्ट देहरादून की शानदारतम सुविधा है। देहरादून एयरपोर्ट से गंगोत्री की दूरी लगभग 236 किलोमीटर है। एयरपोर्ट से आप बस या टैक्सी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
बस – गंगोत्री को रोड के माध्यम से पहुंचना भी संभव है। हरिद्वार या देहरादून से आप बस या टैक्सी का इस्तेमाल करके गंगोत्री जा सकते हैं।
कृपया ध्यान दें कि गंगोत्री धाम एक पर्वतीय क्षेत्र है, इसलिए यातायात के लिए बेहद कठिन और रेगुलर सेवाएं नहीं होती हैं। यात्रा के पहले स्थानीय यातायात और मौसम की जाँच करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। सुरक्षित यात्रा के लिए स्थानीय लोगों से सलाह लेना भी जरूरी है।
Gangotri Dham Tourism :- खाना खजाना
यात्रियों को यहां पर्याप्त खाने के विकल्प मिलते हैं जो उनकी आवश्यकताओं को पूरा करते हैं। निम्नलिखित हैं कुछ प्रमुख खास खाने की विकल्प:
भिंडी और राजमा – गंगोत्री के रेस्टोरेंटों में भिंडी और राजमा जैसे स्थानीय व्यंजनों का आनंद लिया जा सकता है। ये स्वादिष्ट और पौष्टिक होते हैं।
पराठा – गंगोत्री में आपको आलू, मूली, गोभी और गोबी के पराठे मिलते हैं, जो ठंडे मौसम में खासतौर पर आनंददायक होते हैं।
छोले भटूरे – गंगोत्री के धर्मशालाओं और होटलों में आपको स्वादिष्ट छोले भटूरे भी मिल सकते हैं।
दाल और चावल – यात्रियों के लिए एक साधारण भारतीय भोजन दाल और चावल भी उपलब्ध होता है।
गरम चाय और पकोड़े – ठंडे मौसम में गंगोत्री में गरम चाय और पकोड़े का मजा लेना एक रोमांच का अनुभव होता है।
*** कृपया ध्यान दें कि गंगोत्री एक छोटा स्थान है और यहां के रेस्टोरेंटों और खाने की सुविधाएं सीमित हो सकती हैं। इसलिए यात्रा के पहले आपको खाने के विकल्पों की जांच करनी चाहिए और स्थानीय लोगों से सलाह लेना उचित होता है।
Gangotri Dham Tourism :- पास के शहर
गंगोत्री के निकटतम उत्तरकाशी, देहरादून, हरिद्वार शहर हैं।
Gangotri Dham Tourism से संबंधित आम प्रश्न (FAQ)
1)- क्या गंगोत्री में पहुंचने के लिए रास्ता ख़तरनाक होता है?
जी हां, गंगोत्री पहुंचने के लिए रास्ता पर्वतीय और ढलानदार होता है, जिससे यात्रा कठिन हो सकती है। यात्रियों को सावधान रहना चाहिए और स्थानीय लोगों से सलाह लेना उचित होता है।
2)- गंगोत्री में रहने के लिए आवास की सुविधा कैसी है?
गंगोत्री में आवास की सुविधा सीमित होती है। यहां आपको होटल, धर्मशाला, और यात्रियों के लिए आरामदायक कमरे मिलते हैं, लेकिन आपको अग्रिम बुकिंग कराने में समय समय पर दिक्कत हो सकती है।
3)- गंगोत्री की यात्रा कब करनी चाहिए?
गंगोत्री की यात्रा ज्यादा भारतीय मौसम के महीनों में सितंबर और अक्टूबर में करनी चाहिए। इस समय पर ठंडी हवाओं में यात्रा करने का मजा होता है और प्राकृतिक सौंदर्य ख़ासतौर पर उज्ज्वल रंगों में खिलता है।
4)- गंगोत्री का मुख्य आकर्षण क्या है?
गंगोत्री का मुख्य आकर्षण गंगोत्री मंदिर है, जो मां गंगा को समर्पित है। यहां मां गंगा की पूजा-अर्चना रोज़ाना की जाती है और धार्मिक उत्सव विशेष तौर पर हिंदू धरोहर में मनाए जाते हैं।
5)- गंगोत्री धाम की यात्रा में क्या-क्या सावधानियां रखनी चाहिए?
गंगोत्री धाम की यात्रा में रात में यात्रा करने से बचना चाहिए, पहाड़ों में रात जल्दी हो जाती है इस लिए रात होने से पहले होटल, धर्मशाला में कमरा बुक करें, रात में अनावशयक वॉक ना करें ।