Independence Day – भारतीय स्वतंत्रता दिवस, हमारे देश की आज़ादी की याद में मनाया जाने वाला महत्वपूर्ण पर्व है। 15 अगस्त को हम सभी गर्व और उत्साह से यह दिन मनाते हैं, जब हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़ाई की और देश को आज़ादी दिलाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। इस दिन हम उनकी साहसी और बलिदान की प्रेरणा को याद करते हैं और हमें याद दिलाते हैं कि हमें अपने देश की स्वतंत्रता और समृद्धि के लिए साथ मिलकर काम करना है।

स्वतंत्रता दिवस के दिन को राष्ट्रीय गान, संबोधन और समारोहों के साथ मनाया जाता है जो हमारे देश के गर्व की भावना को उत्कृष्टता के साथ प्रकट करते हैं। स्वतंत्रता दिवस के इस उपलक्ष्य में, हमें अपने देश के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का अवबोधन करना चाहिए और सशक्त और समृद्ध भारत की दिशा में सहयोग करने का संकल्प लेना चाहिए।
Table of Contents
1. Independence Day (स्वतंत्रता दिवस) : परेड, दिल्ली
स्वतंत्रता दिवस परेड भारतीयों के लिए गर्व की बात है जो हर साल 15 अगस्त को नई दिल्ली के राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक आयोजित होता है। यह परेड देश की आजादी की खोज, संघर्ष, और सफलता का प्रतीक होता है और भारतीय संस्कृति, सेना की ताकत, और विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक धरोहर का प्रदर्शन करता है। इस परेड में सेना, नौसेना, और वायुसेना के सैनिकों का आदर्श दल, विभिन्न राज्यों की संस्कृतिक झलकियाँ, विभिन्न स्कूल और कॉलेजों के छात्र-छात्राएं, और सरकारी विभागों की आदर्श गाड़ियों की उपस्थिति होती है। यह दृश्य देखकर देशभक्ति और गर्व की भावना तटस्थ आती है और हर वर्ष यह परेड देशभक्तों के दिलों में नई ऊर्जा और उत्साह का स्रोत बनता है।

दिल्ली पहुंचने के लिए रास्ते
वायुयान: दिल्ली के लिए सबसे आसान और तेजी से पहुंचने का तरीका है वायुयान। दिल्ली में इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है, जो विभिन्न नागरिक और अंतर्राष्ट्रीय शहरों से नियमित उड़ानें चलाता है।
रेलगाड़ी: दिल्ली रेलगाड़ी से भी आसानी से पहुंचा जा सकता है। दिल्ली के हाउज खास, नई दिल्ली, और ओल्ड दिल्ली स्टेशन से नेशनल और इंटरसिटी ट्रेनें रोज़ाना चलती हैं।
बस: दिल्ली तक बस से भी पहुंचा जा सकता है। दिल्ली में आने वाली राज्य सरकारी और प्राइवेट बसें हैं जो उन्हें अलग-अलग नगरों से ले जाती हैं।
कार/टैक्सी: अगर आप खुद की कार या टैक्सी से दिल्ली आना चाहते हैं तो आप इंटरस्टेट राष्ट्रीय मार्ग का प्रयोग कर सकते हैं।
यहां पर उपरोक्त विकल्पों के अनुसार आप अपनी सुविधा और बजट के हिसाब से दिल्ली पहुंच सकते हैं।
2. Independence Day : जलियांवाला बाग, अमृतसर
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में जलियांवाला बाग एक महत्वपूर्ण प्रतीक है, जिसमें अमृतसर शहर के एक छोटे से मैदान में निरंतर अत्याचार और अन्याय का प्रतीक दिखाई देता है। यह ऐतिहासिक स्थल उस दुखद घटना की याद दिलाता है जो 13 अप्रैल 1919 को ब्रिटिश शासनकाल में हुई थी। 1919 के अप्रैल में, ब्रिटिश सरकार ने राजा भाग सिंह और महात्मा गांधी की अगुवाई में चल रहे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के खिलाफ विरोध के लिए “रोलेट एक्ट” को लागू किया। रोलेट एक्ट के विरोध के रूप में, अमृतसर के स्थानीय लोगों ने जलियांवाला बाग में एक सभा आयोजित की।

इस बाग में समूचे क्षेत्र की जनता ने जुटकर शांतिपूर्ण रूप से आवाज उठाई थी। इस आवाज को दबाने के लिए, ब्रिटिश जनरल डायर ने बिना किसी सूचना के यहां पहुँचकर अपनी सेना को बुलाया। बिना किसी चेतावनी या आदेश के, उन्होंने सभी जनसमूह पर अपनी सेना को गोली चलाने की अनुमति दी। इस घटना के परिणामस्वरूप, करीब 1000 से अधिक लोग मारे गए और कई सैकड़ों घायल हुए। यह एक अत्यंत दुखद और अन्यायपूर्ण घटना थी, जिसने ब्रिटिश साम्राज्यवाद के खिलाफ भारतीयों के आंदोलन को मजबूती प्रदान की। जलियांवाला बाग की खौफनाक घटना ने भारतीयों की एकता और संघर्ष की भावना को बढ़ावा दिया और उन्हें स्वतंत्रता संग्राम के प्रति नया उत्साह दिलाया।
“जलियांवाला बाग की यह दर्दनाक घटना भारतीय इतिहास में एक गहरा अध्याय है जो हमें याद दिलाता है कि अत्याचार और अन्याय का सामना करने वाले व्यक्तियों की साहसी प्रेरणा को कैसे भूला नहीं जा सकता। जलियांवाला बाग की घटना ने हमें यह सिखाया कि स्वतंत्रता के लिए लड़ाई में कभी भी हार नहीं माननी चाहिए, चाहे वो कितनी भी कठिनाईयों से भरी क्यों ना हो।”
अमृतसर पहुंचने के लिए रास्ते
वायुयान: श्री गुरु रामदास जी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे, अमृतसर, शहर का प्रमुख हवाई अड्डा है। यहाँ से आपको विभिन्न नेशनल और इंटरनेशनल यात्राओं के विकल्प मिलेंगे।
रेलगाड़ी: अमृतसर रेलवे स्टेशन भारतीय रेलवे की मुख्य रेल मार्गों पर स्थित है, जिससे आप अन्य शहरों से भी ट्रेन से आसानी से पहुँच सकते हैं।
बस: अमृतसर के बस स्टैंड से आपको पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, और अन्य प्रदेशों के शहरों के साथ-साथ पंजाब स्टेट बसेस की सेवाएँ भी मिलेंगी।
कार/टैक्सी: अमृतसर को राष्ट्रीय राजमार्ग और स्टेट हाईवे से भी जोड़ा गया है। आप बस, टैक्सी, और आटो रिक्शा का भी उपयोग करके शहर पहुँच सकते हैं।
अमृतसर पहुँचने के लिए आप इन विभिन्न विकल्पों में से उपयोग करके अपनी पसंदीदा तरीके से यहाँ पहुँच सकते हैं।
3. Independence Day : अंडमान द्वीपों की सेल्युलर जेल

अंडमान द्वीपों की सेल्युलर जेल, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दर्दनाक इतिहास की एक गहरी कड़ी है। यह जेल ब्रिटिश साम्राज्यवाद के दौरान आंडमान द्वीपों पर निर्मित की गई थी और यहाँ की कठिनाईयों से भरी ज़िंदगी का एक विशेष तरीके से प्रतीक बन गई है। यहाँ के कैदियों को कठिन श्रम में लगाकर उन्हें शासन की बर्बरता और अत्याचार का सामना करना पड़ता था। सेल्युलर जेल आज भी उस दुखद और अन्यायपूर्ण दौर की याद दिलाती है, जब भारतीय स्वतंत्रता संग्रामी यहाँ कैद रहकर ब्रिटिश साम्राज्यवाद के खिलाफ लड़ते थे।
पहुंचने के लिए रास्ते
वायुमार्ग: विभिन्न नेशनल और इंटरनेशनल हवाई अड्डों से पोर्ट ब्लेयर, अंडमान तक फ्लाइटें उपलब्ध हैं। आपको यहाँ पहुँचने के लिए दिल्ली, कोलकाता और चेन्नई जैसे शहरों से उड़ानें मिलेंगी। आप हेलीकॉप्टर सेवाओं का भी उपयोग करके पोर्ट ब्लेयर पहुँच सकते हैं, जिससे आपकी यात्रा तेज़ हो सकती है।
समुंद्रमार्ग: आंडमान तक समुंद्रमार्ग से भी पहुँच सकते हैं। विभिन्न पोर्ट्स से नौकाओं की सेवाएँ उपलब्ध हैं जैसे कि चेन्नई, कोलकाता, विशाखापत्तनम आदि से।
आंडमान पहुँचने के लिए आप इन विभिन्न विकल्पों का उपयोग करके यहाँ पहुँच सकते हैं।
4. Independence Day : वाघा बॉर्डर, पंजाब
अमृतसर से 28 किमी की दूरी पर अटारी-वाघा बॉर्डर है। वागा बॉर्डर, पंजाब, एक ऐतिहासिक सीमा है जो भारत और पाकिस्तान को जोड़ती है। यह सीमा भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा सुरक्षा के रूप में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और यहाँ दोनों देशों के सेना के सैनिकों के बीच सीमा परेड और संघर्षों की प्रतीक भावना का प्रदर्शन होता है।

वागा बॉर्डर पर सेना के सैनिक दिन-रात सीमा की रक्षा करते हैं और हर दिन सूर्यास्त के समय यहाँ रोजाना आयोजित होने वाली बोर्डर सीमा परेड अपनी विशेषता के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ पर आयोजित होने वाली रात्रि परेड और विभिन्न कार्यक्रम भारतीय और पाकिस्तानी सांस्कृतिक धरोहर को प्रकट करते हैं और दर्शकों में एकता और सद्भावना की भावना को मजबूती प्रदान करते हैं।
वाघा बॉर्डर पहुंचने के लिए रास्ते
वायुयान: श्री गुरु रामदास जी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे, अमृतसर, शहर का प्रमुख हवाई अड्डा है।
रेलगाड़ी: अमृतसर रेलवे स्टेशन भारतीय रेलवे की मुख्य रेल मार्गों पर स्थित है, जिससे आप अन्य शहरों से भी ट्रेन से आसानी से पहुँच सकते हैं।
बस: अमृतसर के बस स्टैंड से आपको वाघा बॉर्डर बसेस की सेवाएँ भी मिलेंगी
कार/टैक्सी: आप बस, टैक्सी, और आटो रिक्शा का भी उपयोग करके वाघा बॉर्डर पहुँच सकते हैं।
5. Independence Day : दांडी बीच, गुजरात
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान घटनाओं में से एक का महत्वपूर्ण स्थल है। यह वह स्थल है जहाँ महात्मा गांधी ने नमक सत्याग्रह का आयोजन किया था, जिससे भारतीयों ने ब्रिटिश साम्राज्यवाद के खिलाफ आवाज उठाई थी। 1930 में नमक पर कर लगाने के विरोध में महात्मा गांधी ने यहाँ ब्रिटिश सरकार के खिलाफ आंदोलन की शुरुआत की थी और हजारों लोगों ने अहमदाबाद से दांडी तक 24 दिनों की पैदल यात्रा मे भाग लिया। दांडी बीच आज भी वह ऐतिहासिक स्थल है जहाँ गांधीजी के आदर्शों और संघर्षों की याद दिलाते हैं और यहाँ की सुकूनभरी और शांतिपूर्ण वातावरण दर्शकों को मनोयोगी अनुभव प्रदान करता है।

दांडी बीच पहुंचने के लिए रास्ते
वायुयान: दांडी बीच पहुंचने के लिए सबसे पास का सूरत एयरपोर्ट है जो नवसारी से लगभाग 30 किमी दूर है। यहाँ से आपको विभिन्न नेशनल और इंटरनेशनल यात्राओं के विकल्प मिलेंगे।
रेलगाड़ी: दांडी बीच पहुंचने के लिए नवसारी रेलवे स्टेशन भारतीय रेलवे की मुख्य रेल मार्गों पर स्थित है, जिससे आप अन्य शहरों से भी ट्रेन से आसानी से पहुँच सकते हैं।
बस: नवसारी बस स्टैंड से दांडी बीच पहुंचा जा सकता है। दांडी में आने वाली राज्य सरकारी और प्राइवेट बसें हैं जो उन्हें अलग-अलग नगरों से ले जाती हैं।
कार/टैक्सी: नवसारी को राष्ट्रीय राजमार्ग और स्टेट हाईवे से भी जोड़ा गया है। आप बस, टैक्सी, और आउटो रिक्शा का भी उपयोग करके शहर पहुँच सकते हैं।
दांडी बीच पहुँचने के लिए आप इन विभिन्न विकल्पों में से उपयोग करके अपनी पसंदीदा तरीके से यहाँ पहुँच सकते हैं।