Kedarnath Dham Tourism – उत्तराखंड के 4 धामो में केदारनाथ भगवान शिव को समर्पित भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से सबसे महत्वपूर्ण और सबसे पवित्र हिंदू तीर्थस्थलों में से एक है। उत्तराखंड के 4 धामो की यात्रा में यमुनोत्री, गंगोत्री के बाद बाबा केदारनाथ के दर्शन किये जाते हैं। केदारनाथ धाम रुद्रप्रयाग जिले में गढ़वाल चोराबाड़ी ग्लेशियर हिमालय श्रृंखला और सामने मंदाकिनी नदी के किनारे पर स्थित है,नवंबर से मई तक शीतकालीन ऋतु में भारी बर्फबारी के कारण केदारनाथ धाम अप्रैल से नवंबर तक केवल छह महीने के लिए मंदिर खुला रहता है। नवंबर से मई तक शीतकालीन ऋतु के दौरान बाबा केदारनाथ जी को ऊखीमठ नामक स्थान पर स्थानांतरित कर दिया जाता है और वहां उनकी पूजा की जाती है।

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Kedarnath Dham Tourism :- संछिप्त जानकारी
केदारनाथ धाम जाने के लिए सबसे पहले गौरीकुंड आना होता है आप किसी भी ट्रैवल कंपनी, बस या खुद के साधन से यहां पहुंच सकते हैं। गौरीकुंड में रहने के लिए अच्छे होटल, धर्मशाला हमेशा मिल जाती है, गौरीकुंड में विश्राम करने के बाद यहां स्थित गौरीकुंड के गरम पानी में स्नान करने के बाद बाबा केदारनाथ की 14 किलोमीटर की यात्रा शुरू होती है। केदारनाथ मंदिर जाने के लिए गौरीकुंड में घोड़े, पिट्ठू, पालकी काई सारे विकल्प मिल जाएंगे लेकिन रोमांच से भरपूर यात्रा के लिए ट्रैकिंग करके रोमांचक यात्रा अनुभव लिया जा सकता है।
Kedarnath Dham Tourism :- प्रमुख आकर्षण
केदारनाथ मंदिर – केदारनाथ भगवान शिव को समर्पित है और यह चार धाम यात्रा का महत्वपूर्ण भाग है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, केदारनाथ एक महत्वपूर्ण तपस्या स्थल था जहां पांडव राजा युधिष्ठिर ने भगवान शिव से आपसी भेंट की थी। भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से सबसे महत्वपूर्ण और सबसे पवित्र हिंदू तीर्थस्थलों में से एक है जिसे हजारों साल पहले पांडवों ने एक बड़े आयताकार मंच पर विशाल पत्थरो के शिलाखंडो से बनाया था। माना जाता है कि वर्तमान केदारनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण आदि शंकराचार्य ने किया था ।

वासुकी ताल – वासुकी ताल एक अत्यंत सुंदर प्राकृतिक झील है जो केदारनाथ मंदिर से लगभग 8 किलोमीटर दूर स्थित है। यह ताल उत्तराखंड राज्य के गहरे अलकनंदा घाटी में स्थित है और वासुकी ग्लेशियर के पास स्थित होने के कारण इसका नाम वासुकी ताल पड़ा। वासुकी ताल को पहुंचने के लिए यात्री ट्रैकिंग का इस्तेमाल करते हैं और यह ट्रैक पहाड़ी जलवायु में चलने वाले लोगों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। ताल के चारों ओर बर्फीले पहाड़ों और वनस्पतियों का नजारा आपको मन मोह लेगा। वासुकी ताल एक प्राकृतिक खजाना है जो यात्रियों के लिए आकर्षक और आनंददायक स्थल है।
शंकराचार्य समाधि – शंकराचार्य समाधि एक प्रमुख तीर्थ स्थल है जो केदारनाथ मंदिर से लगभग आधा किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह स्थान आदि शंकराचार्य के जीवन के बाद उनके समाधि स्थल के रूप में प्रसिद्ध हो गया है। शंकराचार्य भारतीय दर्शनिक, धार्मिक गुरु और वेदांत दर्शन के महानुभाव थे। शंकराचार्य समाधि को पहुंचने के लिए यात्री ट्रैकिंग का इस्तेमाल करते हैं और यह ट्रैक धार्मिक और आध्यात्मिक महत्वपूर्णता का होता है। इस समाधि स्थल के चारों ओर बर्फीले पहाड़ों का नजारा देखकर यात्रा का मजा दोगुना हो जाता है।
भैरवनाथ मंदिर:
भैरवनाथ मंदिर एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है जो केदारनाथ मंदिर से थोड़ी दूरी पर स्थित है। यह मंदिर भगवान भैरव को समर्पित है, जो हिंदू धर्म में शिव के दासों में से एक माने जाते हैं। भैरवनाथ मंदिर को केदारनाथ के मंदिर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है। भैरवनाथ मंदिर को पहुंचने के लिए यात्री ट्रैकिंग का इस्तेमाल करते हैं और यह ट्रैक प्राकृतिक खूबसूरती और आध्यात्मिक महत्वपूर्णता का होता है। मंदिर के समीप बर्फीले पहाड़ों का नजारा देखकर यात्रा का मजा दोगुना हो जाता है।
त्रियुगीनारायण मंदिर – यह स्थान हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण पौराणिक कथाओं में से एक है और माना जाता है कि इसी जगह पर भगवान शिव और पार्वती की विवाह सम्पन्न हुआ था। त्रियुगीनारायण को पहुंचने के लिए यात्री ट्रैकिंग का इस्तेमाल करते हैं और यह ट्रैक धार्मिक और प्राकृतिक सौंदर्य से भरा है। त्रियुगीनारायण के पास एक धार्मिक महत्वपूर्ण कुंड है, जिसे ब्रह्मकुंड कहते हैं, जिसमें भगवान विष्णु की अग्नि के द्वारा विवाह का महत्वपूर्ण रूप से यादगार गैरहूण की रास्ता रखी जाती है। यहां पूजा-अर्चना और आराधना के लिए विशेष आयोजन होते हैं और भगवान विष्णु और पार्वती की विवाह की कथा का अनुभव करने वाले लोग आते हैं।

Kedarnath Dham Tourism :- गौरीकुंड पहुंचने के लिए रास्ते
गौरीकुंड केदारनाथ जाने के लिए आप निम्नलिखित तरीकों का उपयोग कर सकते हैं:
बस यात्रा – गौरीकुंड पहुंचने के लिए सबसे पहले आपको गुप्तकाशी या रुद्रप्रयाग जैसे नजदीकी शहर से गौरीकुंड तक बस की सेवाएं मिलती हैं। यह बसें धार्मिक यात्रियों के लिए सुविधाजनक होती हैं और आपको प्राकृतिक सौंदर्य के मध्य से यात्रा का आनंद मिलता है।
टैक्सी या गाड़ी – गौरीकुंड पहुंचने के लिए आप टैक्सी या गाड़ी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। यह तरीका यात्रियों के लिए तेज और सुविधाजनक होता है, खासतौर से जो अपने सामान के साथ या समय की कमी के कारण ट्रैकिंग को अधिकांश दूरी तक नहीं कर सकते।
हेलीकॉप्टर सेवा – गौरीकुंड तक पहुंचने के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं भी उपलब्ध हैं। यह तरीका तेजी से और सुविधाजनक रूप से यात्रियों को गौरीकुंड पहुंचने में मदद करता है।
गौरीकुंड केदारनाथ यात्रा धार्मिक और प्राकृतिक सौंदर्य के मध्य से होने के कारण यात्रियों के लिए आकर्षक होती है। आपको यात्रा के लिए अच्छे रूप से तैयार और सुरक्षित रहने के लिए समय के मुताबिक आवश्यक उपकरणों का साथ लेना चाहिए।
Kedarnath Dham Tourism :- खाना खजाना
पूरी भाजी – यह परंपरागत गर्म गहरे भजिए हैं जिन्हें आलू के कटले और सब्जियों के साथ परोसा जाता है। यह धार्मिक स्थल पर एक प्रसिद्ध और स्वादिष्ट भोजन है।
मटर पुलाव – यह एक आकर्षक और स्वादिष्ट चावल विकल्प है जो मटर और मसालों से बनाया जाता है। यह खासतौर से धार्मिक स्थल पर पर्वतीय मौसम में आनंद लेने के लिए उपयुक्त है।
राजमा चावल – राजमा चावल भी एक लोकप्रिय भोजन है जिसमें राजमा (किडनी बीन्स) और चावल को एक स्वादिष्ट ग्रेवी में पकाकर परोसा जाता है।
आलू गोभी – यह आलू और गोभी की सब्जी एक स्वादिष्ट विकल्प है जो खासतौर से वन यात्रियों को प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने के लिए उपयुक्त है।
सिंघौड़े की रोटी – सिंघौड़े की रोटी एक अन्य स्वादिष्ट विकल्प है जो धार्मिक स्थल पर आसानी से मिल सकता है। यह गर्मागरम रोटी गाय के दूध से बनाई जाती है और विशेष अवसरों पर परोसी जाती है।
Kedarnath Dham Tourism :- गौरीकुंड के निकटतम शहर
गौरीकुंड के निकटतम शहरों में निम्नलिखित शहर शामिल हैं:
गुप्तकाशी – गुप्तकाशी गौरीकुंड से लगभग 24 किलोमीटर दूर स्थित है। यह एक छोटा और सुंदर शहर है जो धार्मिक और प्राकृतिक सौंदर्य से भरा हुआ है।
रुद्रप्रयाग – रुद्रप्रयाग गौरीकुंड से लगभग 51 किलोमीटर दूर स्थित है। यह भी एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है जो विश्वनाथ और मंदकिनी नदी के संगम पर स्थित है।
उखीमठ – उखीमठ गौरीकुंड से लगभग 25 किलोमीटर दूर स्थित है। यह भी एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है जो श्री केदारनाथ देवी की स्थानीय शाखा है।
चमोली – चमोली गौरीकुंड से लगभग 69 किलोमीटर दूर स्थित है। यह एक प्राकृतिक और आध्यात्मिक स्थल है जो अपने ब्रह्मकुंड और आकर्षक पर्वतीय दृश्यों के लिए प्रसिद्ध है।
Kedarnath Dham Tourism से संबंधित आम प्रश्न (FAQ)
1)- केदारनाथ धाम जाने का सबसे अच्छा समय क्या है?
केदारनाथ धाम जाने के लिए मई से जून और सितंबर से नवंबर तक यात्रा करना सुरक्षित माना जाता है। गर्मियों में, धार्मिक स्थल पर भारी बर्फबारी होने के कारण यात्रा अधिक संभवतः नहीं होती।
2)- केदारनाथ धाम की यात्रा के लिए अनिवार्य उपकरण कौन-कौन से हैं?
केदारनाथ धाम की यात्रा के लिए आवश्यक उपकरण शामिल हैं – ठंडे कपड़े, चटाई, जूते, राहते, पानी की बोतल, बर्फबारी जैकेट, प्लास्टिक बोतल, टोर्च, मेडिकल किट, और धार्मिक समग्री।
3)- केदारनाथ मंदिर में रहने के लिए कहां ठहरने का विकल्प है?
केदारनाथ मंदिर में रहने के लिए प्राथमिक विकल्प धर्मशालाएं और यात्रा आवास हैं, जो बुकिंग के माध्यम से उपलब्ध होते हैं। इनके अलावा, खासतौर से मौसमी मौसम में, तांडव और बर्फबारी से बचने के लिए टेंट और विश्राम स्थल भी उपलब्ध होते हैं।
4)- केदारनाथ धाम यात्रा के दौरान धार्मिक और संस्कृतिक आयोजन किस प्रकार होते हैं?
केदारनाथ धाम यात्रा के दौरान धार्मिक और संस्कृतिक आयोजन भजन-कीर्तन, पूजा-अर्चना, आरती, धार्मिक कथाएं और भक्ति समारोह शामिल होते हैं। पर्वकाल में विशेष उत्सव और मेले भी आयोजित किए जाते हैं।
5)- केदारनाथ धाम की यात्रा में क्या-क्या सावधानियां रखनी चाहिए?
केदारनाथ धाम की यात्रा में रात में यात्रा करने से बचना चाहिए, पहाड़ों में रात जल्दी हो जाती है इस लिए रात होने से पहले होटल, धर्मशाला में कमरा बुक करें, रात में अनावशयक वॉक ना करें ।